Tourist Places of Ajmer राजस्थान का हर्दय कहे जाने वाला अजमेर, पर्यटक स्थलों को लेकर भी एक अग्रणी जिला है अजमेर चारों ओर से सुंदर वादियों से घिरा हुआ है, अजमेर एक साफ और स्वच्छ शहर है वही इसके चारों कई ऐसे पर्यटक स्थल है जहां हर साल लाखों सैलानी देश विदेश से घूमने के लिए आते हैं.
Tourist Places of Ajmer, अजमेर की शानदार शिल्प और वास्तुकला देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है, अजमेर एक ऐसा क्षेत्र है जो हिंदू धर्म व मुस्लिम धर्म दोनों के लिए ही काफी महत्वपूर्ण है यहां हिंदुओं का एकमात्र ब्रह्मा मंदिर व पवित्र स्थल पुष्कर स्थित है वही मुसलमानों का मोइनुद्दीनचिश्ती दरगाह स्थित है, तो आज किस आर्टिकल में जानेंगे अजमेर के मुख्य दर्शनीय स्थल जहां आपको एक बार विजिट जरूर करना चाहिए Tourist Places of Ajmer
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Tourist Places of Ajmer
अजमेर राजस्थान के प्राचीनतम शहरों में से एक है जो बहुत से ऐतिहासिक स्मारकों, शानदार शिल्पकला और वास्तुकला के कारण देश विदेश में जाना जाता है. साथ ही अजमेर के टूरिज्म स्थल यहां आने वाले पर्यटकों को अपनी लुभावनी सुंदरता से मंत्रमुग्ध कर देते हैं, तो यहां हम अजमेर के कुछ प्रमुख पर्यटक स्थलों के बारे में विस्तार से जानेंगे
आनासागर झील | Anasagar Jheel
अजमेर के दक्षिण में सुंदर पहाड़ियों के बीच Anasagar Jheel लगभग 13 किलोमीटर की परिधि में फैली हुई है आनासागर झील को शाम के समय देखा जाए तो किनारों पर खड़े विशाल नाग पहाड़ का प्रतिबिंब झलकता है जो कि देखने में बहुत ही सुंदर द्रश्य बनाता है. Anasagar Jheel का निर्माण राजा अर्णोराज ने 1135 से 1150 के बीच में करवाया था, राजा अर्णोराज जी पृथ्वीराज चौहान के दादाजी थे इस Anasagar Jheel का निर्माण लगभग 15 सालों में यहां के स्थानीय लोगों की मदद से पूरा हुआ था जो Tourist Places of Ajmer का मुख्य केंद्र है
अजमेर की सबसे बड़ी झील है, जिसका अधिकतम जनघनत्व क्षेत्र 4.4 मीटर की अधिकतम गहराई है और वही 4.75 मिलियन घनाकार पानी को इकट्ठा किया जा सकता है, हालाँकि वर्तमान में समय के साथ साथ इसकी गहराई में कुछ कमी आई है जिसको समय समय पर सफाई करके वापस बराबर करने का कार्य किया जाता है
आनासागर झील के बीच में एक टापू स्थित है जहां पर बोट / नाव के द्वारा जाया जाता है आनासागर झील चारों ओर से दौलत बाग / सुभाष उद्यान से घिरी हुई है जिसके बारे में आपको पहले ही बताया जा चुका है की इस दौलत बाग का निर्माण जहांगीर द्वारा करवाया गया था
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तारागढ़ फोर्ट | Taragardh Fort
पूर्व का जिब्राल्टर व राजस्थान की कुंजी के नाम विख्यात तारागढ़ दुर्ग अजमेर की तारागढ़ पहाड़ी पर समुंदर तल से 2855 फीट की ऊंचाई पर बना हुआ है, इस किले का निर्माण चौहान सम्राट अजयपाल ने 11वीं सदी में करवाया था. तारागढ़ दुर्ग देश के सबसे ऊंचे व प्राचीनतम दुर्गो में गिना जाता है. एक समय एक शक्ति का केंद्र अजमेर की आन बान रहा तारागढ़ दुर्ग अब जर्जर और खंडहर अवस्था में है इस दुर्ग को मुगलों ने जहां अपना निवास स्थान बनाया था तो जब अंग्रेज आए तो उन्होंने इसे अस्पताल का रूप दे दिया था
भारत के प्राचीनतम दुर्गो में से एक तारागढ़ दुर्ग, जो 80 एकड़ परिधि में फैला हुआ है, यह पर्वतों से मिलती ऊंची प्राचीर, सुद्रढ़ और विशालकाय बुर्जे व सघन वन से घिरा हुआ है इस ऐतिहासिक दुर्ग में आपको कई प्राचीन धरोहरों की वस्तुएं एवं महल देखने को मिलेंगे, यहां मुख्य रूप से छत्रमहल, फूलमहल, रतनमहल, बादलमहल व अनिरुद्ध महल है यहां पर एक बड़ी तोप रखी हुई है जिसका नाम गर्भ गुंजन तोप है एक समय में यह इतनी विस्फोटक हुआ करती थी कि इससे हर कोई गोला दागने से कतराता था तारागढ़ दुर्ग में कुल 3 छोटे बड़े तालाब है कहा जाता है कि इन तालाबों को ऐसी तकनीक से बनाया गया था जिससे इन तालाबों का पानी कभी भी सूखता नहीं था
दौलत बाग | Subhash Udyan
अजमेर राजस्थान में घूमने के लिए लोकप्रिय पार्कों में से एक है। यह अजमेर की आनासागर झील के पास है। इसका नाम स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रसिद्ध नेता सुभाष चंद्र बोस के नाम पर रखा गया है। सुभाष उद्यान // दौलत बाग अजमेर के सबसे अच्छे पर्यटन स्थलों में से एक है। यह एक सुव्यवस्थित उधान है जिसको मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा बनवाया गया था इस गार्डन का नाम उस समय दौलत बाग रखा गया था
दौलत बाग गार्डन का अर्थ है – खजाने का बगीचा, यह वह स्थान है जो प्रकृति के प्रीति शाहजहां के प्रेम को दर्शाता है दौलत बाग शाहजहा के मुख्य खजानों में से एक था. क्योंकि इसमें पूरे भारतभर के सबसे खूबसूरत फूल शामिल थे, जो आज भी बहुत ही सुन्दर फुल व सुंदर पेड़ पौधों से भरा हुआ
दौलत बाग को विडियो के रूप में देखे 👇👇 Tourist Places of Ajmer
सोनी जी की नसिया
Tourist Places of Ajmer की बात करे तो, सोनी जी की नसिया राजस्थान का एक प्रमुख जैन मंदिर है यह मंदिर पृथवीराज मार्ग पर स्थित है जिसे लाल मंदिर भी कहा जाता है इस मंदिर का मुख्य कक्ष स्वर्ण नगरी के नाम से जाना जाता है जो काफी ज्यादा आकर्षक है इस मंदिर की बनावट इतनी खूबसूरत एवं आकर्षक तरीके से बनाई गई है कि एक बार विजिट करने वाला व्यक्ति इसे बार-बार देखना चाहता है
अढाई दिन का झोपड़ा
Tourist Places of Ajmer में अढ़ाई दिन के झोपडे का काफी महत्त्व है, अढ़ाई दिन का झोपड़ा एक मस्जिद है जिसके पीछे एक रोचक कथा है ऐसा माना जाता है कि अढाई दिन के झोपडे का निर्माण मात्र 60 घंटे यानी अढ़ाई दिन में किया गया था इसलिए इसका नाम अढ़ाई दिन का झोपड़ा रख दिया गया, अढ़ाई दिन का झोपड़ा पहले एक संस्कृत विद्यालय था जिसे मोहम्मद गोरी ने 1198 में तोड़कर मस्जिद में बदल दिया गया था
अढ़ाई दिन का झोपड़ा में 25 फीट उचे 70 खम्भों पर खुबसूरत नक्काशी की गई है माना जाता है की ये खंभे उसी मंदिर जो संस्कृत विद्यालय हुआ करता था के ही है अढ़ाई दिन का झोपड़ा के पास प्राचीन मूर्तियां भी मिल चुकी है
अजमेर शरीफ दरगाह
अजमेर शरीफ इस्लाम धर्म की एक दरगाह है जहां दूर-दूर से लोग अपनी मुराद लेकर आते हैं इसकी खास बात यह है कि यहां केवल इस्लामी धर्म के लोग ही नहीं बल्कि सभी धर्मों के लोग अपनी मन्नत मांगने आते हैं, अजमेर शरीफ मुगलों द्वारा बनाया गया एक बेहतरीन वास्तु कला एवं नक्काशी वाला धार्मिक स्थल है इस दरगाह के मुख्य तीन दरवाजे है यहां पर श्रद्धालुओं के साथ-साथ देश विदेश से पर्यटक भी घूमने के लिए आते रहते हैं Tourist Places of Ajmer
नारेली जैन मंदिर
अजमेर सिटी से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नारेली जैन मंदिर दिगंबर जैनों का एक पवित्र तीर्थ स्थल है जो संगमरमर के पत्थर से बना हुआ नारेली जैन मंदिर अपनी सुंदर वास्तुकला जटिल पत्थर की नक्काशी के साथ-साथ अपने विशाल गार्डन के लिए पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय बना हुआ है यह मंदिर पूरी तरह से पत्थर से बना हुआ मंदिर है
यहाँ मुख्य मंदिर में पहली मंजिल पर गुरु आदिनाथ जी की 22 फीट ऊंची विशाल मूर्ति है वही ऊपर की पहाड़ियों पर अन्य 24 तीर्थकरो के लघु मंदिर भी है ऊपर से देखने में यह मंदिर शानदार और लुभावना लगता है
किशनगढ़ किला
Tourist Places of Ajmer की बात करें तो किशनगढ़ किले का काफी महत्व है यह किला अजमेर से 27 किलोमीटर की दूरी पर किशनगढ़ जगह पर स्थित है जो राजस्थान के प्रमुख ऐतिहासिक पर्यटक स्थलों में से एक है किशनगढ़ शहर को संगमरमर का शहर भी कहा जाता है यह दुनिया का एकमात्र स्थान है जहां नो ग्रहों का मंदिर है किशनगढ़ किले के अंदर महल और स्मारक है जिन्होंने राजस्थान की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है
किशनगढ़ किले का निर्माण 1653 में राठौड़ वंश के महाराजा रूपसिंह के शासनकाल में करवाया गया था जो एक गहरी खाई से घिरा हुआ है यहां एक दिलचस्प कहानी भी है कहा जाता है कि जिस जगह इस किले का निर्माण करवाया गया है उसी स्थान पर महाराजा ने एक भेड़ को अपने बच्चों को कुछ भेडियों से बचाते हुए देखा था, इसी दृश्य को देखकर महाराजा के मन में इसी स्थान पर एक ऐसा किला बनाने का विचार आया जो उनके साम्राज्य की बाहरी आक्रमण आक्रमणों से रक्षा कर सकें, इस किले की भव्यता और अंदरूनी मजबूती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई बार बाहरी ताकतों द्वारा हमला करने के बाद भी किशनगढ़ किले को नष्ट नहीं किया जा सका. इस किले के पास एक शानदार झील भी स्थित है जहा काफी ज्यादा संख्या में कई दुर्लभ और देशी विदेशी पक्षियों का घर है
Seven wonders Park
अपनी विशिष्ट बनावट, अद्भुत कारीगरी और वास्तुकला के लिए इस दुनिया में 7 इमारतें मशहूर है जिन्हें सात अजूबा कहा जाता है, इन्हें देखने के लिए अलग-अलग देशों में जाना होता है लेकिन यह हर शख्स के लिए संभव नहीं है ऐसे में अजमेर प्रशासन ने दुनियाभर से आने वाले अपने पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए एक ही जगह पर आनासागर झील के किनारे इन सात अजूबों की रिप्लिका / प्रीतिरूप तैयार करवाये है, जो देखने में हुबहू वैसे ही दिखते हैं जैसे असली अजूबे हो, यह रिप्लिका लगभग 1 हेक्टेयर भूमि पर तैयार किए गए हैं जिनके निर्माण में करीब ₹10करोड़ की लागत आई है
Tourist Places of Ajmer उम्मीद है यह आर्टिकल आपकी इस जानकारी के लिए हेल्पफुल साबित हुआ है आपके सुझाव और कमेंट सादर आमंत्रित है इसी प्रकार की जानकारी को वीडियो के रूप में जाने के लिए हमारे युटुब चैनल Click Here का विजिट करें, शुक्रिया
आनासागर झील का खुबसूरत विडियो यहाँ देखे 👇👇
अजमेर | Ajmer
अजमेर शहर की स्थापना राजा अजयपाल चौहान द्वारा 7वीं शताब्दी ईस्वी में की गई थी, चौहान वंश भारत के पहले पहाड़ी के लिए तारागढ़ का निर्माण करवाया था तो आइए अजमेर के बारे में रोचक तथ्य जानते हैं
- अजमेर जिले की आकृति त्रिभुजाकार है
- अजमेर राजस्थान का संपूर्ण साक्षर जिला भी है
- लूनी नदी अजमेर के नाग पहाड़ से निकलती है
- अरावली पर्वतमाला का सबसे कम विस्तार अजमेर जिले में है
- 1 नवंबर 1956 को अजमेर राजस्थान का 26 वा जिला बना था
- अजमेर वह संभाग है जिससे अन्य सभी 6 संभागों की सीमाएं लगती है
- मध्यवर्ती अरावली की सबसे ऊंची चोटी तारागढ़ 873 मीटर अजमेर में ही है
- अजमेर राजस्थान का एक खंडित जिला है जो अजमेर व टॉडगढ़ में विभक्त है
- अजमेर नगर की स्थापना राजा अजय राज चौहान ने की थी इसका मूल नाम अजयमेरू था
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Tourist Places of Ajmer
अरावली पर्वतमाला से घिरा हुआ अजमेर राजस्थान के खूबसूरत पर्यटक स्थलों में से एक है. यहाँ हिंदुओ का पवित्र पुष्कर तीर्थ व ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर है तो इस्लाम धर्म के अजमेर शरीफ दरगाह भी है साथ ही आना सागर झील, अढाई दिन का झोपड़ा, सोनी जी की नसिया, नारेल जैन मंदिर के साथ-साथ भारत के सबसे प्राचीन पर्वतीय दुर्ग तारागढ़ भी यही स्थित है
अजमेर में घूमने लायक क्या क्या चीज है
अजमेर राजस्थान का एक खूबसूरत शहर है जो अपनी बनावट, वास्तुकला और अपनी शानदार शिल्पकला के लिए जाना जाता है, यहां विश्व का एकमात्र ब्रह्मा मंदिर है तो अजमेर शरीफ दरगाह दुनिया भर में जानी जाती है साथ ही आना सागर झील, तारागढ़ दुर्गे, किशनगढ़ किला, सुभाष उद्यान, फतेहसागर झील, अढाई दिन का झोपड़ा, किशनगढ़ मार्बल नगरी, सोनी जी की नसिया व नारियल के जैन मंदिर की सुंदरता में और ज्यादा चार चांद लगा देते हैं Click Here
अजमेर में सबसे ज्यादा क्या प्रसिद्ध है
अजमेर एक खूबसूरत शहर है जो वैसे तो काफी चीजों के कारण देश और दुनिया में जाना जाता है लेकिन तीन चीज जो इसको दुनिया भर में एक अलग पहचान दिलाई है पहेली- पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर जो दुनिया का एकमात्र ब्रह्मा मंदिर है, दूसरी- ख्वाजा मोइनुद्दीनचिश्ती की दरगाह है, तीसरी किशनगढ़ की मार्बलमंडी
अजमेर क्यों प्रसिद्ध है
अजमेर राजस्थान का एक ऐतिहासिक और पुराना शहर है जो धार्मिक दृष्टि से दुनिया भर में अपनी एक अलग छाप बनाए हुए हैं पुष्कर की पवित्र झील और ख्वाजा मोइनुद्दीनचिश्ती की दरगाह है के दर्शन करने के लिए यहां हर साल लाखों पर्यटक देश दुनिया से आते हैं साथिया की झीलें, दुर्ग और मंदिरों ने इसकी शोभा मैं और चारचांद लगा दिए हैं