सरकार ने हाल ही में आम जनता को राहत देने के लिए GST की दरों में बड़ी कटौती की है। रोज़मर्रा की ज़रूरी चीज़ों और सेवाओं को सस्ता करने के लिए अब सिर्फ दो स्लैब – 5% और 18% रखे गए हैं। बाजार में बिकने वाली लगभग 99% वस्तुएँ सस्ती हो जानी चाहिए थीं।
लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही है। दुकानदार और ऑनलाइन स्टोर्स उपभोक्ताओं से अब भी वही पुराने दाम वसूल रहे हैं। यानी टैक्स कम होने का लाभ सीधे उपभोक्ता की जेब तक नहीं पहुँच पा रहा। सवाल यह उठता है कि आखिर यह फायदा जा किसकी जेब में रहा है – आपकी या दुकानदार की

GST कटौती के बावजूद पैसे क्यों नहीं घट रहे
स्टॉक का बहाना
कई दुकानदार कहते हैं कि उन्होंने जो सामान पुराने रेट और टैक्स पर खरीदा था, उसी हिसाब से बेचना होगा। GST नियमों के मुताबिक, जब टैक्स दर घट जाती है, तो दुकानदारों को नए रेट का फायदा ग्राहकों तक पहुँचाना अनिवार्य है। अपने पुराने स्टॉक के नाम पर लंबे समय तक ज्यादा दाम वसूलना गलत है और इसके खिलाफ शिकायत भी दर्ज की जा सकती है।
लाभ का लालच
कुछ व्यापारी जानबूझकर कीमतें नहीं घटाते ताकि उनका मुनाफ़ा बढ़ सके। आम उपभोक्ता जागरूकता की कमी या झंझट से बचने के लिए चुप रहते हैं, और यहीं से ठगी की शुरुआत होती है।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की देरी
ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर नए GST अपडेट लागू होने में समय लग जाता है। इस बीच ग्राहकों को पुराने दाम ही चुकाने पड़ते हैं।
निगरानी की कमी
उपभोक्ता चुप रहते हैं और शिकायत दर्ज नहीं करते। दुकानदार इसका फायदा उठाते हैं। यही कारण है कि सरकार ने अब टोल-फ्री नंबर, WhatsApp और INGRAM पोर्टल की सुविधा दी है, जिसके माध्यम से ग्राहक अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
सरकार के द्वारा उठाए गए कदम
सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए उपभोक्ताओं को राहत पहुँचाने के लिए कई आसान विकल्प उपलब्ध कराए हैं। अब कोई भी व्यक्ति ओवरचार्जिंग या GST कटौती का लाभ न मिलने की शिकायत घर बैठे दर्ज कर सकता है।
टोल-फ्री नंबर
ग्राहक सीधे कॉल करके अपनी समस्या दर्ज कर सकता है। यह सबसे आसान और तुरंत इस्तेमाल होने वाला विकल्प है। अगर कोई दुकानदार आपसे GST या ओवरचार्ज ले रहा है, तो आप घर बैठे टोल-फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
WhatsApp हेल्पलाइन
टेक सेवी उपभोक्ताओं के लिए सरकार ने WhatsApp पर शिकायत दर्ज करने की सुविधा दी है। इसमें आपको केवल संबंधित बिल और विवरण साझा करना होगा, जो किसी दुकानदार द्वारा ओवरचार्ज किए गए हैं।
INGRAM पोर्टल
यह एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म है जहाँ आप अपनी शिकायत पूरी जानकारी के साथ दर्ज कर सकते हैं। यह संगठित है क्योंकि इसमें हर केस को ट्रैक किया जाता है और आगे की कार्रवाई सुनिश्चित होती है। इसमें ध्यान रखें कि शिकायत सही और पूरी जानकारी के साथ दर्ज करनी चाहिए।
उपभोक्ताओं को क्या करना चाहिए
- कीमतों की तुलना करें
किसी भी सामान को खरीदने से पहले ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्लेटफॉर्म पर दाम चेक करें। इससे आपको अंदाज़ा लगेगा कि कहीं दुकानदार ज्यादा तो नहीं वसूल रहा। - जागरूकता फैलाएँ
अपने परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों को भी इस बारे में बताएं। जब ज्यादा लोग जागरूक होंगे, दुकानदारों पर दबाव बनेगा और GST राहत का असली फायदा जनता को मिलेगा। - सामान का बिल जरूर मांगे
हर खरीद पर बिल लेना न भूलें। यह आपका हक़ है और ओवरचार्जिंग या GST साबित करने का सबसे मजबूत सबूत भी यही है। - शिकायत दर्ज करने से न डरें
अगर आपको लगता है कि GST कटौती का लाभ नहीं दिया जा रहा, तो WhatsApp या INGRAM पोर्टल के जरिए शिकायत करें। चुप रहना दुकानदारों के हौसले को बढ़ावा देता है।
सरकार ने GST सिस्टम को आसान बनाया
5% स्लैब
रोजमर्रा की ज़रूरी चीज़ें जैसे:
- दवाइयाँ
- दूध, ब्रेड
- बच्चों की किताबें
- किराना का सामान
18% स्लैब
सामान्य उपयोग और सेवाएँ जैसे:
- रेस्टोरेंट बिल
- इलेक्ट्रॉनिक्स
- कपड़े
- होटल सेवाएँ
निष्कर्ष
सरकार का उद्देश्य साफ है – जनता को राहत देना।
लेकिन अगर व्यापारी GST कटौती के बावजूद कीमतें कम नहीं करते, तो इसका मतलब है कि राहत बीच में ही कहीं अटक रही है।
अगली बार जब आपको लगे कि दुकानदार ज्यादा पैसे वसूल रहा है, चुप न रहें – आवाज़ उठाएँ। आखिरकार सही कीमत चुकाना आपका अधिकार है और उसे पाना आपकी जागरूकता पर निर्भर करता है।
FAQ
GST कटौती के बावजूद पैसे क्यों नहीं घट रहे?
स्टॉक का बहाना, लाभ का लालच, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की देरी, निगरानी की कमी।
GST कटौती का लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं को क्या करना चाहिए?
कीमतों की तुलना करें, जागरूकता फैलाएँ, सामान का बिल जरूर मांगे, शिकायत दर्ज करने से न डरें।
GST दरों में हाल ही में क्या बदलाव हुआ है?
सरकार ने GST ढांचे को सरल बना दिया है। अब सिर्फ़ दो स्लैब हैं – 5% और 18%। इसके तहत 99% वस्तुएँ पहले से सस्ती हो गई हैं।
GST शिकायत दर्ज करने के लिए आधिकारिक पोर्टल कौन सा है?
INGRAM (Integrated Grievance Redressal Mechanism) पोर्टल सरकार का आधिकारिक प्लेटफॉर्म है।
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