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Fake Link vs Real Link / नकली और असली लिंक को कैसे पहचाने

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Fake Link vs Real Link, आज के इस डिजिटल युग में इंटरनेट का इस्तेमाल तो सभी करते हैं। सोशल मीडिया, बैंकिंग सिस्टम और यहाँ तक कि ऑनलाइन शॉपिंग में भी लिंक का उपयोग होता है। लोगों को नकली और असली लिंक में पहचान न होने के कारण साइबर अपराधी इसी का फायदा उठाकर कई लोगों को अपना शिकार बना लेते हैं।

आइए हम इस आर्टिकल में जानते हैं कि Fake Link vs Real Link क्या होते हैं, इनमें क्या अंतर है, इन्हें पहचानने के आसान तरीके क्या हैं और Fake Link से बचने के क्या उपाय हो सकते हैं।

Fake Link vs Real Link

Fake Link क्या होती है

Fake Link एक ऐसी नकली लिंक होती है जिसे साइबर अपराधी असली लिंक की तरह दिखाकर आपके पास भेजते हैं। जैसे ही आप उस लिंक पर क्लिक करते हैं, साइबर अपराधी आपके सारे डेटा जैसे व्यक्तिगत डेटा, बैंकिंग डेटा, सिक्योरिटी पासवर्ड आदि चुरा लेते हैं। इसे फिशिंग अटैक भी कहा जाता है।

साइबर अपराधियों द्वारा Fake Link भेजने का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित होता है:

  • आपके मोबाइल में किसी प्रकार का मैलवेयर डालने के लिए
  • आपके मोबाइल से आपका डेटा चुराने के लिए
  • आपके बैंक डिटेल्स चुराने के लिए
  • किसी प्रकार का OTP या पासवर्ड हासिल करने के लिए
  • वित्तीय नुकसान पहुँचाने के लिए
  • आपकी निजी फोटो या जानकारी चुराने के लिए

Real Link क्या होती है

Real Link एक वास्तविक, प्रमाणित और सुरक्षित वेबसाइट का लिंक होता है। ये वेबसाइटें HTTPS सुरक्षा, SSL प्रमाणपत्र और विश्वसनीय डोमेन का उपयोग करती हैं। असली लिंक पर क्लिक करते ही वह आपको इस सुरक्षित वेबसाइट पर ले जाएगा और सुरक्षित जानकारी प्रदान करेगा। Real Link में URL प्रोफेशनल होता है।

Fake Link vs Real Link

Fake Link vs Real Link में पहचान

आजकल लोग तरह-तरह की ठगी का शिकार हो रहे हैं। कई साइबर अपराधी लोगों को Fake Link भेजते हैं और फिर उसी आधार पर लोगों को ठग लेते हैं। इस परिस्थिति में लोगों के लिए नकली और असली Link की पहचान करना बहुत ज़रूरी हो गया है। Fake Link vs Real Link (नकली और असली SMS) को पहचानने के आसान तरीके :-

  • नकली लिंक अक्सर वास्तविक डोमेन नाम की वर्तनी बदल देते हैं, जैसे “amazon.com” के बजाय “amaz0n.com”।
  • सुनिश्चित करें कि URL “https://” से शुरू होता है और ब्राउज़र में “पैडलॉक” आइकन दिखाई देता है, जो दर्शाता है कि कनेक्शन सुरक्षित है।
  • आप www.cyberyodha.org जैसी वेबसाइट पर जाकर लिंक को कॉपी-पेस्ट करके इसकी सुरक्षा स्थिति को सत्यापित कर सकते हैं।
  • फर्जी लिंक अक्सर ईमेल, एसएमएस या व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से भेजे जाते हैं।
  • नकली वेबसाइटों में अक्सर खराब डिज़ाइन, व्याकरण संबंधी गलतियाँ या अपरिचित डोमेन एक्सटेंशन होते हैं।
  • नकली लिंक अक्सर पॉप-अप विज्ञापनों में छिपे होते हैं।

Fake Link से बचने के तरीके

नकली और असली Link के बीच अंतर समझना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि एक छोटी सी गलती आपकी मेहनत की कमाई और आपके पर्सनल डेटा को खतरे में डाल सकती है। Fake Link vs Real Link की पहचान करना भी बहुत मुश्किल हो गया है। इस स्थिति में आप Fake Link से कैसे बच सकते हैं, आइए जानते हैं :-

  • अनजान ईमेल या एसएमएस लिंक पर क्लिक न करें।
  • किसी भी अनजान वेबसाइट पर पासवर्ड और ओटीपी न डालें।
  • केवल आधिकारिक वेबसाइटों को ब्राउज़र में बुकमार्क करके ही लॉग इन करें।
  • जाँचें कि क्या URL “https” से शुरू होता है और पैडलॉक प्रतीक देखें।
  • अपने डिवाइस में हमेशा VPN ऑन रखें।
Fake Link vs Real Link

FAQ

Fake Link क्या होती है?

Fake Link इस ऐसी नकली लिंक होती है जिसे साइबर अपराधी असली लिंक की तरह दिखाते है और आप के पास भेजते है और जेसे ही आप उस लिंक पर क्लिक करते है साइबर अपराधी आपके सारे डेटा जैसे पर्सनल डेटा, बेंकिंग डेटा, सिक्योरिटी पासवर्ड सभी चुरा लेते है इसे फिशिंग अटैक भी कहा जाता है।

Real Link क्या होती है?

Real Link एक वास्तविक, प्रमाणित और सुरक्षित वेबसाइट का लिंक होता है। ये वेबसाइटें HTTPS सुरक्षा, SSL प्रमाणपत्र और विश्वसनीय डोमेन का उपयोग करती हैं। असली लिंक पर क्लिक करते ही वह आपको इस सुरक्षित वेबसाइट पर ले जायेगा और सुरक्षित जानकारी प्रदान करेगा। Real Link में URL प्रोफेसनल होता है।

Fake Link से बचने के तरीके?

अनजान ईमेल या एसएमएस लिंक पर क्लिक न करें, किसी भी अनजान वेबसाइट पर पासवर्ड और ओटीपी न डालें, केवल आधिकारिक वेबसाइटों को ब्राउज़र में बुकमार्क करके ही लॉग इन करें, जांचें कि क्या URL “https” से शुरू होता है और पैडलॉक प्रतीक देखें।

Fake Link vs Real Link में पहचान कैसे करें?

नकली लिंक अक्सर वास्तविक डोमेन नाम की वर्तनी बदल देते हैं, जैसे “amazon.com” के बजाय “amaz0n.com, सुनिश्चित करें कि URL “https://” से शुरू होता है और ब्राउज़र में “पैडलॉक” आइकन दिखाई देता है, जो दर्शाता है कि कनेक्शन सुरक्षित है, आप www.cyberyodha.org जैसी वेबसाइट पर जाकर और लिंक को कॉपी-पेस्ट करके इसकी सुरक्षा स्थिति को सत्यापित कर सकते हैं।

Fake Link vs Real Link

Fake link kya hai

Real link kya hai

Fake aur real link me difference

Fake link vs real link in Hindi

Fake link ko kaise pehchane

Asli aur nakli link ki pahchan kaise kare

नकली लिंक क्या है

असली और नकली लिंक में फर्क

नकली लिंक को पहचानने के तरीके

Real aur fake website link check kaise kare

Link asli hai ya nakli kaise jane

How to identify fake vs real link

Cyber fraud fake link check

Online phishing link ko kaise identify kare

सुरक्षित और असुरक्षित लिंक की पहचान …. Fake Link vs Real Link

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उम्मीद है की उपर्युक्त जानकारी के लिए यह आर्टिकल हेल्पफुल साबित हुआ है आपके सुझाव और कमेंट सादर आमंत्रित है इसी प्रकार की जानकारीयो को वीडियो के रूप में जानने के लिए हमारे युटुब चैनल Click Here का विजिट करें,  शुक्रिया

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