राजस्थान के अजमेर जिले में कई पर्यटक स्थल है जिनमें एक है Anasagar Jheel जो कि अजमेर शहर के बीच बनी हुई है यह सुंदर कृत्रिम झील यहां का सबसे रमणीय स्थल है, मेरा काफी मन था कि एक बार अजमेर चलकर यह आना सागर झील देखी जाए आज फाइनली वो दिन आ गया और अब इसका अनुभव में आपके साथ शेयर कर रही हूं मुझे विश्वास है यह आर्टिकल भी आपको अच्छा लगेगा और एक बार आप भी यहां तक जरूर घूमने के लिए आओगे
सुंदर पहाड़ियों के बीच Anasagar Lake👉 विडियो देखे
Anasagar Kya Hia
अजमेर के दक्षिण में सुंदर पहाड़ियों के बीच Anasagar Jheel लगभग 13 किलोमीटर की परिधि में फैली हुई है आनासागर झील को शाम के समय देखा जाए तो किनारों पर खड़े विशाल नाग पहाड़ का प्रतिबिंब झलकता है जो कि देखने में बहुत ही सुंदर द्रश्य बनाता है
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आनासागर झील का निर्माण
Anasagar Jheel का निर्माण राजा अर्णोराज ने 1135 से 1150 के बीच में करवाया था, राजा अर्णोराज जी पृथ्वीराज चौहान के दादाजी थे इस Anasagar Jheel का निर्माण लगभग 15 सालों में यहां के स्थानीय लोगों की मदद से पूरा हुआ था
जहांगीर – इसके बाद मुगल शासक जहांगीर ने इसके किनारे एक शाहीबाग बनवाया, जिसे दौलतपुरा के नाम से जाना गया और वर्तमान में इसी का नाम बदलकर सुभाष उद्यान कर दिया है, दौलत बाग भी अजमेर के सबसे अच्छे पर्यटक स्थलों में से एक माना जाता है यह एक सुव्यवस्थित उद्यान है जो पर्यटको का आते ही मन मोह लेता है
शाहजहां – लगभग 300 वर्ष बाद सम्राट शाहजहां ने 1627 में लगभग 12 से 40 फीट लंबा कटहरा लगवा कर और बेहतरीन संगमरमर के 5 बारदरिया बनवा कर इसकी सुंदरता को और ज्यादा बढ़ा दिया साथ ही यहां पर मनोरंजन के लिए व बच्चों के लिए झूले भी लगाए गए हैं
अस्मत बेगम – जो की नुरजाहा की माँ थी, अस्मत बेगम ने आनासागर झील की किनारे गुलाब के रश से इत्र बनाया था. माना जाता है की भारत में सबसे पहले इत्र अस्मत बेगम ने यही बनाया था
आनासागर झील एक कृत्रिम झील है
आपको बता दें कि आनासागर झील का निर्माण अर्णोराज ने करवाया जो कि पृथ्वीराज चौहान के दादाजी थे इसका मतलब यह हुआ की यह एक प्राकृतिक झील ना होकर एक कृत्रिम झील है, झील का निर्माण अर्णोराज जी द्वारा निर्मित कराए जाने के कारण ही इस झील का नाम आणा सागर रखा गया जिसको वर्तमान में आनासागर के नाम से जाना जाता है 👉 SBI Yono के फायदे
अजमेर की सबसे बड़ी झील
Anasagar Jheel अजमेर की सबसे बड़ी झील है, जिसका अधिकतम जनघनत्व क्षेत्र 4.4 मीटर की अधिकतम गहराई है और वही 4.75 मिलियन घनाकार पानी को इकट्ठा किया जा सकता है, हालाँकि वर्तमान में समय के साथ साथ इसकी गहराई में कुछ कमी आई है जिसको समय समय पर सफाई करके वापस बराबर करने का कार्य किया जाता है
आनासागर झील के बीच में एक टापू स्थित है जहां पर बोट / नाव के द्वारा जाया जाता है आनासागर झील चारों ओर से दौलत बाग / सुभाष उद्यान से घिरी हुई है जिसके बारे में आपको पहले ही बताया जा चुका है की इस दौलत बाग का निर्माण जहांगीर द्वारा करवाया गया था
आनासागर झील क्यों खास है
आनासागर झील का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है कि यह है राजस्थान का हर्दय कहे जाने वाले एक सुंदर व स्वच्छ शहर अजमेर में स्थित है जो चारों ओर से पहाड़ियों से घिरी हुई है
आनासागर झील का इतिहास
आनासागर झील अजमेर के सबसे Best Tourist Places में से एक है जिस का इतिहास जितना पुराना है उतना ही रोचक भी है
- आनासागर झील एक कृत्रिम झील है
- आनासागर झील 13 किलोमीटर तक की फैला हुआ है
- जहांगीर द्वारा आनासागर झील के तट पर दौलत बाग का निर्माण करवाया गया
- आनासागर झील का नाम अर्णोराज के नाम पर ही आना सागर झील रखा गया था
- शाहजहां द्वारा अजमेर में लंबे समय तक रहने के लिए / कारण 1637 में यहाँ बरादरी बनवाई गई
- Anasagar Jheel झील का निर्माण पृथ्वीराज चौहान के दादाजी अर्णोराज ने अजमेर में करवाया था
- आनासागर झील का निर्माण 1135 से 1150 ईसवी के मध्य मतलब लगभग 15 सालों में यहां की स्थानीय लोगों की मदद से किया गया था
आनासागर | आनासागर टापू
जिस प्रकार से आनासागर झील अजमेर के बीचो-बीच बनी हुई है ठीक उसी प्रकार से इस आना सागर झील के बीचो-बीच आना सागर टापू बना हुआ है जिसका आकार लगभग 5000 वर्ग गज है इस टापू पर आदिमानव, डायनासोर और हाथी के विशालकाय मॉडल बनाए गए हैं इनकी खास बात यह है कि जब भी कोई पर्यटक इनके सामने जाता है तब पर्यटक को वैसी आवाज सुनने को मिलती है जैसे कि वास्तव में डायनासोर और आदिमानव की होती थी
आनासागर झील में मिले करोड़ो के नोट
हालही में आनासागर झील में 2000 के नोट की गडिया दिखाए दी जो की स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी उसके बाद पुलिस ने झील के अंदर से इन गड़ियां को बाहर निकाला, पुलिस का कहना है ये जाली नोट थे जो कुल 1.8 करोड़ के लगभग है हालांकि पानी में गीली होने के कारण कुछ साफ नहीं हो पाया
बताया जा रहा है कि 2000 के नोटों पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया लिखा हुआ है जो कि असली 2000 के नोट की तरह ही नजर आ रहा है सभी नोटों की गाड़ियां प्लास्टिक की थैलियों में मिली है
IAS बलदेव सिंह
अजमेर की IAS बलदेव सिंह ने बताया कि Anasagar Jheel में तीन थैलियों में 2000 के नोट मिलने की सूचना थाने में दी गई थी मौके पर पहुंची पुलिस ने इन 2000 के नोटों को जप्त कर लिया है उन्होंने बताया कि झील से मिले नोट नकली हो सकते हैं उस पर भारतीय रिजर्व बैंक भी लिखा गया पानी में गिले होने के कारण कन्फर्म नही किया जा सकता है
Anasagar Jheel में किसने फेके 2000 के नोट
पुलिस ने बताया कि इस संबंध में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया व अन्य बैंकों से इसकी जानकारी लेने के बाद इस मामले पर जांच की जाएगी इसके साथ ही इन 2000 के नोटों को आना सागर झील में किसने फेंका इसी को लेकर वहा की पुलिस जानकारी में जुटी हुई है जिससे ये पता लगाया जा सके की ये पैसे आये कहा से आए
आनासागर झील का एक Vlog भी बनाया हुआ है, अगर आप विडियो के रूप में देखना चाहते हो तो, निचे क्लिक करके देख सकते हो
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Anasagar kya hia…?
आनासागर अजमेर शहर के बीचो बिच स्थित एक झील / Lake है जो की लगभग 13 KM की परिधि में फैली हुई है
Anasagar Lake ka nirman kisane karwaya tha
आनासागर झील का निर्माण पृथ्वीराज चोहान के दादाजी अर्णोराज ने करवाया था, यह लगभग 15 वर्षो में पूरा हुआ था
आनासागर झील का इतिहास
आनासागर झील अजमेर के सबसे Best Tourist Places में से एक है जिस का इतिहास जितना पुराना है उतना ही रोचक भी है यह एक कृत्रिम झील है Anasagar Jheel का निर्माण राजा अर्णोराज ने 1135 से 1150 के बीच में करवाया था
aana sagar jhil
अजमेर के दक्षिण में सुंदर पहाड़ियों के बीच Anasagar Jheel लगभग 13 किलोमीटर की परिधि में फैली हुई है आनासागर झील को शाम के समय देखा जाए तो किनारों पर खड़े विशाल नाग पहाड़ का प्रतिबिंब झलकता है जो कि देखने में बहुत ही सुंदर द्रश्य बनाता है Click Here
आनासागर झील की गहराई कितनी है
Anasagar अजमेर की सबसे बड़ी झील है, जिसका अधिकतम अधिकतम गहराई 20 फिट है हालाँकि सिचाई विभाग के लगे गेज की हिसाब से इसकी गहराई 13 फिट है पर वास्तिक गहराई की जाँच करे तो कही 6 फिट तो कही 20 फिट है