join

राइट टू हेल्थ बिल क्या है फायदे और नुकसान | Right to Health Bill

Spread the love

“Right to Health” एक ड्राफ्ट है जो एक देश / राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने और लोगों को संबंधित विषयों के बारे में जागरूक करने के लिए बनाया जाता है। इस विधेयक के माध्यम से, सरकार अपने नागरिकों के लिए उचित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का प्रयास करती है और संबंधित बिलों, नियमों और विधियों को संशोधित या नए बनाए जाते हैं। यह एक मूल्यांकन है जो स्वास्थ्य सेवाओं के लिए संवैधानिक अधिकार या “राइट टू हेल्थ” को प्रतिबद्ध करता है। Right to Health Bill

यदि आप राइट टू हेल्थ बिल राजस्थान — क्या है ? Right To Health Bill के फायदे क्या हैं, राइट टू हेल्थ बिल के नुकसान क्या है से संबंधित तमाम जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं. तो आप यह आर्टिकल विस्तार से एवं अंत तक जरूर पढ़ें।

👉👉 UPI चार्ज से कैसे बचे 👉 Click Here

राइट टू हेल्थ बिल क्या है फायदे और नुकसान | Right to Health Bill

राइट टू हेल्थ बिल राजस्थान क्या है ?

राजस्थान सरकार ने 21 मार्च 2023 को राज्य विधानसभा में नागरिकों को स्वास्थ्य से संबंधित बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण राइट टू हेल्थ बिल / Right to Health Bill पास किया है। इस बिल के तहत राजस्थान के प्रत्येक निवासी को राज्य के किसी भी हेल्थ इंस्टिट्यूट या अस्पताल में बिना पूर्व भुगतान के आपातकालीन इलाज के साथ ही निशुल्क इलाज का लाभ उठाने का अधिकार है। यह विधेयक किसी भी अस्पताल में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सेवाओं और रोगी विभाग (आईपीडी) सेवाओं, कन्सल्टेशन, दवा और डायग्नोस्टिक का निशुल्क इलाज की सुविधा लेने का अधिकार देता है। आमजन को ऐसी चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन चुका है।

राइट टू हेल्थ बिल के फायदे

“राइट टू हेल्थ बिल” Right to Health Bill का मकसद लोगों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जागरूक करना है। इस बिल में कुछ महत्वपूर्ण फायदे हैं जो इस प्रकार हैं

  1. इस बिल Right to Health Bill के अनुसार राज्य के सरकारी और कुछ निजी चिकित्सा संस्थानों में कंसल्टेशन, दवाएं, इलाज, आपातकालीन परिवहन और देखभाल की सुविधाएं निशुल्क मिल सकेगी।
  2. आपातकालीन स्थिति में राज्य का हर निवासी बिना पूर्व भुगतान के इलाज करा सकता है। अर्थात मरीज के पास पैसे ना हो तो भी उसे इलाज के लिए मना नहीं किया जा सकेगा। इलाज के बाद अगर मरीज चिकित्सा शुल्क देने में सक्षम नहीं हो तो वो फीस राज्य सरकार की तरफ से अस्पताल को दी जाएगी।
  3. इस बिल के अनुसार पुलिस जांच से जुड़े मामले में कोई भी सरकारी या निजी चिकित्सक पुलिस की मंजूरी के इंतज़ार में इलाज टाल नहीं सकता है।
  4. इस Right to Health Bill में दुर्घटना में घायल मरीज को अस्पताल पहुंचाने वालों को 5000 रुपए प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान भी किया गया है‌।
  5. बिल के अनुसार आपात स्थिति में जैसे – एक्सीडेंटल, इमरजेंसी, सांप के काटने / जानवर के काटने के कारण आपात स्थिति और राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा तय की गई आपात स्थिति शामिल है।
  6. एक्सीडेंटल इमरजेंसी एक अनजाने या अप्रत्याशित तरीके से घटित होने वाली घटना के परिणामस्वरूप किसी व्यक्ति की मृत्यु या चोट के जोखिम को संदर्भित करता है। इसमें सड़क, रेल, पानी या हवाई दुर्घटनाएं शामिल हैं।
  7. आपातकालीन देखभाल, जैसा कि विधेयक में संदर्भित है, का अर्थ है किसी दुर्घटना या आपराधिक घटना या किसी अन्य आपात स्थिति में घायल व्यक्ति को प्राथमिक चिकित्सा, सलाह और सहायता का प्रावधान। इसमें आपातकालीन प्रसूति देखभाल भी शामिल है, जिसके अनुसार गर्भावस्था और गर्भावस्था की जटिलताओं से पीड़ित महिलाओं का उपचार शामिल है।
  8. Right to Health Bill के अनुसार प्राथमिक चिकित्सा का तात्पर्य चिकित्सा पेशे में लगे व्यक्ति द्वारा किसी दुर्घटना / आपराधिक घटना या किसी अन्य आपात स्थिति में घायल व्यक्ति की स्थिति को स्थिर करने के लिए निर्धारित उपचार से पहले दिए जाने वाले उपचार से है। जिसे बिल में शामिल किया गया है। जिससे मरीजों को त्वरित चिकित्सा सहायता मिल सके।
  9. इस बिल में रोगी के रिकॉर्ड, परीक्षण रिपोर्ट और विस्तृत मद-वार बिलों की जानकारी प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है।
  10. बिल के अनुसार चिकित्सक या स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने वाले व्यक्ति का नाम, पेशेवर स्थिति और जॉब चार्ट जानने का अधिकार होगा।
  11. विधेयक के अनुसार, महिला रोगी को पुरुष चिकित्सक द्वारा शारीरिक परीक्षण के दौरान अन्य महिला की उपस्थिति का अधिकार होगा।
  12. Right to Health Bill के अनुसार किसी भी उपचार या निर्धारित परीक्षणों के लिए पूर्व सूचित सहमति देने का अधिकार होगा। किसी अन्य चिकित्सा संस्थान में वैकल्पिक उपचार चुनने का भी अधिकार होगा।
  13. राजस्थान सरकार द्वारा पारित इस विधायक के अनुसार धर्म, लिंग, वंश, जाति, आयु, जन्म स्थान के भेदभाव के बिना तथा किसी बीमारी या अवस्था की दशा में राज्य के निवासी को बिना किसी भेदभाव के उपचार प्राप्त करने का अधिकार होगा।
  14. इस विधेयक के अनुसार राज्य के निवासी को चिकित्सा संस्थान में उपलब्ध हर प्रकार की सेवाओं और सुविधाओं की दरें और शुल्क जानने का अधिकार होगा। दवा प्राप्त करने या जांच करवाने का स्थान चयन करने का अधिकार होगा।
  15. Right to Health Bill में संदर्भित नियमों के तहत किसी अन्य डॉक्टर या संस्थान से राय लेने के लिए जिस चिकित्सा संस्थान में इलाज चल रहा है, उससे इलाज के रिकॉर्ड और जानकारी हासिल करने का अधिकार होगा। यदि रोगी डॉक्टर की सलाह के विरुद्ध अस्पताल छोड़ता है, तो उसे उपचार सारांश प्राप्त करने का अधिकार होगा। इसके अलावा राज्य के निवासियों के डॉक्टरों और चिकित्सा संस्थानों के प्रति दायित्व और कर्तव्य निर्धारित किए गए हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं और संस्थानों के अधिकार और दायित्व भी निर्धारित किए गए हैं।
  16. Right to Health Bill के अनुसार प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति का हेल्थ इंश्योरेंस सरकार अपने स्तर पर करवाएगी। जो कि जनहित में बड़ा फैसला है।
  17. किसी भी तरह की महामारी के दौरान होने वाले रोगों के इलाज को भी इस बिल में शामिल किया गया है। जो आमजन के हित में है।
  18. जैसा कि बिल में संदर्भित है कि, निजी अस्पतालों को भी मरीज की बीमारी को गोपनीय रखना होगा। इसके अलावा इंश्योरेंस स्कीम में चयनित अस्पतालों में निशुल्क उपचार का अधिकार होगा।
  19. बिल के तहत मरीजों के लिए शुद्ध भोजन एवं पेयजल की व्यवस्था करने का भी प्रावधान किया गया है।
  20. Right to Health Bill के अनुसार इलाज के दौरान यदि मरीज की अस्पताल में मौत हो जाती है और अस्पताल में इलाज का भुगतान नहीं होता है तब भी डेड बॉडी को अस्पताल रोक नहीं सकेंगे।

Right to Health Bill उल्लंघन पर जुर्माना

इस विधेयक में प्रावधान किया गया है कि कोई भी अस्पताल या डॉक्टर फीस न देने पर मरीज का इलाज करने से मना नहीं कर सकता है। लेकिन अगर ऐसा होता है या बिल में संदर्भित नियमों का उल्लंघन करता है तो शिकायत पर पहली बार में 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। तथा दूसरी बार भी ऐसा ही होता है तो 25 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा।

राइट टू हेल्थ प्राधिकरण का गठन

राज्य स्तर पर दो प्रकार के प्राधिकरण गठित किए जाएंगे। रसद शिकायत के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण में नागरिकों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा। इलाज और तकनीकी सलाह के लिए दूसरी अथॉरिटी ‘स्टेट हेल्थ अथॉरिटी फॉर ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल’ होगी। द्वितीय प्राधिकरण में एक सदस्य को छोड़कर सभी विशेषज्ञ चिकित्सक होंगे।
यदि किसी रोगी को इलाज नहीं मिलता है या अन्य किसी प्रकार की शिकायत है तो 15 दिन के अंदर उसी चिकित्सा संस्थान के प्रभारी को शिकायत करनी होगी। यदि संस्था प्रभारी 3 दिन में शिकायत का निराकरण नहीं करते हैं तो शिकायत को जिला स्वास्थ्य अधिकारी को अग्रेषित कर दिया जायेगा जिसे 30 दिन में निस्तारित करना होगा।
अगर यहां भी समस्या का निराकरण नहीं होता है तो मामला राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के पास जाएगा।

राइट टू हेल्थ बिल के नुकसान

Right to Health Bill राजस्थान सरकार का एक महत्व्काशी बिल है जो आम आदमी को स्वास्थ्य सेवाओ से संबंधित काफी सुविधाए देगा लेकिन फिर भी कुछ लोग कई बिन्दुओ पर विरोध कर रहे है जैसे — नीचे दिए गए कुछ संभावित कारण हैं

  1. वित्तीय बोझ- कुछ प्राइवेट हॉस्पिटलो को यह बिल लागू करने से वित्तीय बोझ का डर हो सकता है। यह उनके लिए एक आर्थिक बोझ बन सकता है और इसलिए वे इस बिल के विरोध में हो सकते हैं।
  2. राजनीतिक मुद्दे: इस बिल का विरोध भी राजनीतिक मुद्दों के आधार पर हो सकता है। कुछ लोग इस बिल को विरोध कर सकते हैं क्योंकि वे इसे अपने राजनीतिक दल के हितों के विरुद्ध मानते हों।
  3. संवैधानिक मुद्दे: कुछ लोगों के विरोध का मुख्य कारण संवैधानिक मुद्दे हो सकते हैं। वे इस बिल को संवैधानिक ढंग से गलत मानते होंगे और इसलिए उसका विरोध कर सकते हैं
  4. असमानता का भय: कुछ लोगों को यह बिल असमानता के भय का डर हो सकता है। वे सोच सकते हैं कि इस बिल का लाभ सभी लोगों तक नहीं पहुंचेगा और कुछ लोगों को इससे अधिक लाभ मिलेगा।

डॉक्टरों द्वारा राइट टू हेल्प बिल का विरोध क्यों

मुख्य रूप से, Right to Health Bill का विरोध निजी अस्पताल या प्राइवेट डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा है Right to Health Bill के विरोध का कारण यह है कि वे इसे लागू करने से अपनी संभावित नैतिक और कानूनी जिम्मेदारियों से मुक्त नहीं होंगे। Right to Health Bill कुछ मुख्य कारण —

  1. चिकित्सकों का कहना है कि इस बिल से डॉक्टर और मरीज के संबंध खराब होंगे उनके विश्वास में कमी आएगी और उपचार की क्वालिटी में भी कमी आएगी।
  2. चिकित्सकों के अनुसार बिल में इमरजेंसी में मरीज का बिना शुल्क जमा किए, उपचार करना होगा। लेकिन बिल में इमरजेंसी की परिभाषा को स्पष्ट नहीं किया गया है। ना ही चिकित्सालय को भुगतान किस तरह से किया जाएगा इस बारे में भी कोई स्पष्ट प्रावधान किया गया है।

उम्मीद है Right to Health Bill का यह आर्टिकल आपकी इस जानकारी के लिए  हेल्पफुल साबित हुआ है आपके सुझाव और कमेंट सादर आमंत्रित है इसी प्रकार की जानकारी को वीडियो के रूप में जाने के लिए हमारे युटुब चैनल Click Here का विजिट करें,  शुक्रिया

यह भी जाने 👇👇

👉UPI पर लगने वाले चार्ज | UPI Payment New Charges 2023
👉शुभमन गिल का जीवन परिचय | Biography of Shubhamn Gill

5/5 - (34 votes)

Leave a Comment

error: Content is protected !!