सुबह-सुबह उठने के बाद जितना जरूरी पहले चाय पीना नहीं है उससे ज्यादा जरूरी है बैंक अकाउंट का एक्टिवेट रहना… But क्या हो जब चाय के लिए खरीदे गए दूध का पेमेंट करने के लिए आप मोबाइल निकालो तो पता चले कि बैंक अकाउंट ही बंद हो चुका है तो आईए जानते हैं की बैंक अकाउंट बंद होने के क्या-क्या कारण हो सकते हैं और इन्हें वापस एक्टिवेट कैसे कराया जा सकता है
Reactivate a Closed Bank Account
पहला कारण
सबसे पहला कारण आपका अकाउंट का पुराना होना, बैंक समय समय पर अपने ग्राहकों से केवाईसी लेता रहता है जैसे ही जो जो अकाउंट KYC की लिस्ट में आते है बैंक उन खातो को इनेक्टिव कर देते है
KYC के कारण बंद हुए अकाउंट को वापस एक्टिव करवाने के लिए ग्राहक को अपनी ब्रांच में जाना होता है जहा अपने डॉक्यूमेंट की फोटो कॉपी के साथ एक केवाईसी का फॉर्म सबमिट करना होता है डॉक्यूमेंट में जैसेआधारकार्ड पैन कार्ड एक पासपोर्ट साइज फोटो या जो भी बैंक के अनुसार जरूरी हो… बैंक उनकी जांच करने के बाद ग्राहक के अकाउंट को वापस एक्टिव कर देते हैं
दूसरा कारण
माइनर अकाउंट का होना… न्यू अकाउंट खुलवाते समय अगर ग्राहक की उम्र18 वर्ष से कम है तो उसे माइनर अकाउंट की श्रेणी में ओपन किया जाता है ऐसे अकाउंट में बच्चों की उम्र 18 वर्ष होने तक अकाउंट ऑपरेट गार्जियन को करना होता है लेकिन जैसे ही खाताधारक उम्र 18 साल हो जाती है तो बैंक इन खातो को इनेक्टिव कर देती है
अब ऐसे अकाउंट को वापस एक्टिव करवाने के लिय ग्राहक को अपनी ब्रांच विजित करना होता है ब्रांच यहाँ अकाउंट को माइनर से मेजर में कन्वर्ट करने का एक फॉर्म लेती है और डॉक्यूमेंट चेक करने के बाद अकाउंट को एक्टिव कर दिया जाता है
तीसरा कारण
लंबे समय तक एक्टिविटी न होना
ऐसे खाते जिन से लंबे समय तक विड्रॉल न हो या फिर अकाउंट जीरो बैलेंस पर रखा जा रहा हो तो बैंक ऐसे खातों को इनेक्टिव कर देती है
खाते को वापस एक्टिव करवाने के लिए ग्राहक को अपनी ब्रांच विजिट करना होता है और संबंधित डॉक्यूमेंट के साथ एक एप्लीकेशन देनी होती है इसके बाद बैंक उक्त अकाउंट को वापस एक्टिव कर देती है
चौथा कारण
हाइ ट्रांजैक्शन वैल्यू
ऐसे अकाउंट जिन से ज्यादा लेनदेन किया जा रहा हो या फिर एक साथ बड़े अमाउंट का विड्रॉल या डिपाजिट किया गया हो ऐसे अकाउंट को बैंक संदिग्ध अकाउंट की श्रेणी में रखते हुए इनेक्टिव कर देती है
इन खातों को वापस एक्टिव करवाने के लिए ग्राहक को अपनी ब्रांच में जाना होता है और केवाईसी डॉक्यूमेंट के साथ संबंधित लेनदेन की जानकारी ब्रांच को उपलब्ध करवानी होती है ब्रांच सभी डाक्यूमेंट्स को चेक करने के बाद अगर सही पाया जाता है तो उक्त अकाउंट को एक्टिव कर देती है
पाचवां कारण
साइबर फ्रॉड में अकाउंट का बंद होना
अगर अकाउंट में अनऑथराइज्ड कोई ट्रांजैक्शन होता है या फिर फ्रॉड किए हुए अमाउंट में से कुछ पेमेंट रिसीव होता है तो उक्त अकाउंट फ्रीज या फिर अमाउंट होल्ड हो सकता है, ऐसी स्थिति में बैंक के पास ज्यादा पावर नहीं होता हैय ह काम साइबर सेल द्वारा या फिर उनके निर्देशों के अनुसार बैंक करता है
अगर साइबर फ्रॉड में अकाउंट फ्री होता है या अमाउंट हॉल होता है तो सबसे पहले ब्रांच जाकर अपने अकाउंट में क्या और कैसे हुआ है इसकी जानकारी लेनी चाहिए, साइबर फ्रॉड में अकाउंट होल्ड होने पर साइबर सेल द्वारा उक्त ब्रांच को एक मेल भेजा जाता है जिसका प्रिंटआउट ग्राहक ले सकता है
इस मेल मेंसंबंधितफ्रॉड शिकायत को लेकरजांच कर रहे हैं जांच अधिकारी के कांटेक्ट नंबर और मेल रहता हैअब ग्राहक चाहे तोमेल या फिर फोन के माध्यम सेकांटेक्ट कर सकता हैअगर जरूरत हो तोसंबंधित साइबर थाने में जाकर भीविजिट कर सकता है
अकाउंट को अनफ्रीज करने के लिएबैंक शाखा कोइस साइबरसेल द्वाराअंतरिक्ष कामेल करवाना होता हैअगर बैंक को यह मेल प्राप्त हो जाता है तोबैंक उसे अकाउंट को अनफ्रीज या फिर अमाउंट को उन्होल्ड कर देते हैं
बैंक अकाउंट बंद होने की स्थिति में ग्राहक को सबसे पहले अपनी ब्रांच में विकसित करना चाहिएऔर इस बात का पता लगाना होता है कि अकाउंटक्लोज या फिर हॉल किस वजह से हुआ है
इसके बादग्राहक को अपनी केवाईसीएक नवीनतम पासपोर्ट साइज फोटोऔर संबंधित समस्या सेसंबंधित दस्तावेज और एप्लीकेशन ब्रांच को देनी होती हैइसके बाद ब्रांचडॉक्यूमेंट की जांच करती हैऔर जानकारी सही पाई जाती है तो अकाउंट को वापस ओपन या फिर अनफ्रीज कर दिया जाता है
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