April Fools’…हर साल दुनिया भर में अप्रैल की एक तारीख को अप्रैल फूल यानि मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाता है एक तारीख को बच्चा हो या बड़ा सभी कुछ ना कुछ मजाक करके अप्रैल फूल बनाते हैं
April Fools’ पूरी दुनिया एक अप्रैल की तारीख को मूर्ख दिवस यानी अप्रैल फूल के तौर पर मनाती है इस दिन लोग स्कूल कॉलेज ऑफिस मैं एक दूसरे को बेवकूफ बनाने के सारे तरीके अपनाते हैं और एक दुसरे के साथ मजाक करते है
April Fools’ क्या है
भारत में 1 अप्रैल को April Fools’ यानी मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाता है जिसकी शुरुआत 19 वी सदी में अंग्रेजो के द्वारा की गई थी. इस दिन किसी भी अपने परिचित के साथ हँसी मजाक के साथ साथ उसको बेवकूफ बनाने के प्रयास किये जाते है इसी लिए 1 अप्रैल को April Fools’ यानी इस दिन पूरी दुनिया में मूर्ख दिवस के रूप में जाना जाता है
हालांकि यह कम ही लोग जानते होंगे कि 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस क्यों मनाया जाता है हालाँकि इस को लेकर अलग अलग तरह के कई तर्क दिए जाते है आज हम आपको बताएंगे कि 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस यानी अप्रैल फूल क्यों मनाया जाता है
1 अप्रैल को April Fools’ की शुरुआत कैसे हुई
बताया जाता है कि साल 1381 में पहली बार 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाया गया था इसके पीछे एक मजेदार कहानियां, दरअसल इंग्लैंड के राजा रिजल्ट द्वितीय और बोहेमिया की रानी एनी ने सगाई का ऐलान किया
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और कहा कि सगाई 32 मार्च 1381 को होगी और इस एलान को सुनकर आम जनता इतनी खुश हुई थी की उसने खुशियां मनाना शुरू कर दी थी हालांकि बाद में उन्हें एहसास हुआ कि वह बेवकूफ बन गए हैं क्योंकि कलैंडर में तो 32 मार्च की तारीख ही नहीं होती है और उसके बाद से ही हर साल 1 अप्रैल को लोग मूर्ख दिवस के रूप में मनाते हैं
अप्रेल फूल मनाने की वजह
April Fools’ से जुड़ी एक और कहानी है फ्रांस की ट्रांस में 1582 में पॉप चालर्स ने पुराने कैलेंडर की जगह नया रोमन कैलेंडर शुरू किया था हालांकि उसके बाद भी कुछ लोग पुराने तारीख पर ही नया साल मना रहे हैं और इसी वजह से ऐसे लोगो को लेकर अप्रैल फूल कहा जाने लगा जो धीरे धीरे मुर्ख दिवस के रूप में जाने जाना लगा
भारत में April Fools’ कब से मनाया जाने लगा
भारत में April Fools’ को मूर्ख दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत 19 वीं सदी में अंग्रेजो के द्वारा की गई थी इसके बाद भारत में भी हर साल इस दिन को मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाने लगा हालांकि इसके पीछे भी तर्अक वाही की अंग्रेज अपना नया साल 1 जनवरी को मनाते जबकि हिंदी विद्या के हिसाब से आज भी भारत में नया साल 1 अप्रेल को मनाते है
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इसी दिन दुकानदार अपने खाता बही बदलते है वही बैंके भी अपने नये वित्तीय वर्ष की सुरुवात इसी दिन से करती है अब सोशल मीडिया के आने के बाद देश में मूर्ख दिवस की पहचान और ज्यादा बढ़ गई है
हर दिन ही मूर्ख दिवस
पहले 1 दिन ही मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाता था लेकिन आजकल तो लोग हर दिन ही मूर्ख बन रहे हैं यानी हर दिन ही अप्रैल फूल मन रहा हैं जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म, यानी फ़्रॉड जरिए फर्ज वास्तविक अप्रैल फूल बना दिया जाता है कभी लॉटरी के नाम पर, कभी कार जितने के नाम पर, कभी KYC करने के नाम पर तो कभी बैंक लोन दिलाने के नाम अप्रैल फूल बना दिया जाता है
आज इस आर्टिकल के जरिए आप ये सुझाव भी रहेगा कि अप्रैल फूल बनोगे तो चेलेगा पर अगर फ़्रॉड फूल बन गए, कड़ी मेहनत से कमाए एक ही झटके में साफ हो जाएंगे, सजक रहे, सावधान रहें
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अप्रेल फूल डे, 1 अप्रेल को ही क्यों मनाया जाता है
साल 1381 में पहली बार 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाया गया था इसके पीछे एक मजेदार कहानियां, दरअसल इंग्लैंड के राजा रिजल्ट द्वितीय और बोहेमिया की रानी एनी ने सगाई का ऐलान किया और कहा कि सगाई 32 मार्च 1381 को होगी
भारत में April Fools’ कब से मनाया जाने लगा
भारत में April Fools’ को मूर्ख दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत 19 वीं सदी में अंग्रेजो के द्वारा की गई थी इसके बाद भारत में भी हर साल इस दिन को मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाने लगा
Why is April Fool’s Day celebrated only on 1st April?
Fool’s Day was celebrated for the first time on April 1 in the year 1381. There is a funny story behind this, in fact King Result II of England and Queen Anne of Bohemia announced the engagement and said that the engagement would be on 32 March 1381
When did ‘April Fools’ start being celebrated in India?
In India, celebrating ‘April Fools’ as Fool’s Day was started by the British in the 19th century, after that in India too, this day was celebrated as Fool’s Day every year