Tourist Places of Sikar, सीकर राजस्थान का एक प्रमुख जिला है जो शिक्षा की दृष्टि से काफी अग्रणी और महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, सीकर में जहां एक और सैकड़ों स्कूलों और कॉलेजों में देशभर से लाखो विद्यार्थी पढ़ने के लिए आते हैं वही यह जिला पर्यटक स्थलों के हिसाब से भी काफी महत्वपूर्ण है आज इस आर्टिकल में सीकर के सभी पर्यटक व धार्मिक स्थलों को विस्तार से जानेंगे
Tourist Places of Sikar
Tourist Places of Sikar की बात करे तो सीकर एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है जो एक विकसित और हाईटेक जिले की श्रेणी में आता है. यहां कई ऐसे स्थल है जिन की सुंदरता देखते ही बनती है, वो ना केवल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं बल्कि एक बेहतरीन इतिहास को भी अपने आप में समेटे हुए हैं, यहां सीकर कुछ प्रमुख स्थलों के बारे में बताया जा रहा है 👉👉 कुलधरा गांव की वास्तविक कहानी
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हर्षनाथ | Harshnath
हर्षनाथ को हर्ष के नाम से भी जाना जाता है, यह सीकर से 12 किलोमीटर की दूरी पर सुंदर पहाड़ी पर बसा हुआ एक गांव है. जहां 10 वीं शताब्दी का बना हुआ एक ऐतिहासिक हर्षनाथ मंदिर है साथ ही यहां की पवनचकिया, ठंडी हवा, सघन पेड़पौधे, बंदरों की कोलाहट यहां आने वाली पर्यटको का मन मोह लेते हैं,
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खाटूश्यामजी मंदिर
Tourist Places of Sikar में खाटूश्यामजी मंदिर का विशेष महत्त्व है खाटूश्यामजी मंदिर राजस्थान में सबसे प्रसिद्ध मंदिर है जोकी सीकर से 45 किलोमीटर की दुरी पर है वही जयपुर सीकर नेशनल हाइवे से 18 किलोमिटर की दुरी पर है जहां दूर-दूर से भक्त श्याम बाबा के निशान लेकर आते हैं खाटू ग्राम के इस खाटूश्यामजी मंदिर में भगवान कृष्ण के आधे कटे सांवरे कलर के सिर की पूजा होती है, यह मंदिर बेहद खूबसूरती के कारण राजस्थान ही नहीं पूरे देश में लोकप्रिय है हावड़ा ब्रिज की चाबी किसके पास है
गणेश्वर धाम
गणेश्वर एक तीर्थ यात्रा के साथ-साथ एक पिकनिक स्थान भी है जिसकी सीकर शहर से दूरी 88 किलोमीटर है यहां पर सल्फर युक्त गर्म पानी का एक बड़ा कुंड है जिसमें प्राकृतिक धारा का पानी एकत्रित होता रहता है, मान्यताओं के अनुसार इस कुंड में स्नान करने से चर्म रोग ठीक हो जाते हैं यहां पर खुदाई में 4000 साल पुरानी सभ्यताओं के अवशेष भी मिले है विशेषज्ञों का मानना है कि गणेश्वर ने मुख्य रूप से हड़प्पा को तांबा की वस्तुओं की आपूर्ति की थी
देवगढ़ दुर्ग
सीकर के खूबसूरत पर्यटक स्थलों में से देवगढ़ दुर्ग भी एक है, जो समुंदर तल से 2100 फीट की ऊचाई व सीकर शहर से 12 किलोमीटर की दुरी पर है, इस गढ़ का निर्माण वर्ष 1787 में राव राजा देवीसिंह द्वारा करवाया गया था जो अब एक खंडहर में तब्दील हो चुका है लेकिन फिर भी यह अपनी बेहद खूबसूरत वास्तुकला के कारण पर्यटको का मन मोह लेता है
जीणमाता मंदिर
जीणमाता मंदिर सीकर शहर से 29 किलोमीटर की दूरी पर रेवासा गांव में स्थित है जोकि सीकर के सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है यह मंदिर पहाड़ी की चोटी पर बना हुआ हजारों साल पुराना एक प्रमुख धार्मिक स्थल है इस मंदिर और पहाड़ की सुंदरता और परिसर के अंदर की शांति पर्यटकों का मन मोह लेती है मंदिर के पास ही एक पानी का कुंड भी है, मान्यताओं के अनुसार यह एकमात्र मंदिर है जिसे मुगल सम्राट औरंगजेब तोड़ नहीं पाया था उनके अनेक प्रयास असफल रहे, इस मंदिर की अखंड ज्योत हमेशा जलती रहती है
लक्ष्मणगढ़ किला
लक्ष्मणगढ़ किला लक्ष्मणगढ़ शहर में पर्वत की चोटी पर बना हुआ है जोकि अब एक निजी संपत्ति है यह किला अपनी अद्भुत कला वह समृद्ध वास्तुकला के लिए जाना जाता है इस किले का निर्माण सीकर के राजा लक्ष्मण सिंह द्वारा करवाया गया था जिसे देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर चाहते हैं
बुधगिरीजी की मढ़ी
बुधगिरीजी की मढ़ी, सीकर जिले का एक धार्मिक स्थल है जो विश्व प्रसिद्ध है सीकर जिले के फतेहपुर शहर में स्थित है जिसकी सीकर शहर से दूरी 47 किलोमीटर है, बुधगिरीजी एक सन्यासी थे जिन्होंने यहां पर तपस्या की थी इसलिए यह उनके तपोस्थली के रूप में प्रसिद्ध है साथ ही यह बुधगिरीजी की समाधि भी स्थित है यह मंदिर और तपोस्थली एक पहाड़ी पर बनाई गई है, इसकी बनावट पहाड़ी पर होने के कारण यहां से फहेह्पुर शहर का सुंदर दृश्य देखने को मिलता है साथ ही यहां का मंदिर अपनी वास्तुकला वह गार्डन काफी ज्यादा सुंदर है
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